भावार्थ शब्द श्रेष्ठ रचना से सम्बन्धित प्रश्न विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इनमें अर्थ, भावार्थ, व्याख्या आदि से सम्बन्धित प्रश्न अधिक होते हैं। छात्रों को अर्थ, भावार्थ, व्याख्या, सारांश, सार आदि की मूल भिन्नता के सम्बन्ध में ज्ञान नहीं होता। इसीलिए आज हम भावार्थ के बारे में बताने जा रहे हैं अगर आप भी भावार्थ के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो इसे अंत तक पढ़ें.
भावार्थ शब्द
भावार्थ शब्द निम्न प्रकार से होने चाहिए –
- संक्षिप्त होना चाहिए।
- यह किसी भी दशा में व्याख्या नहीं है।
- भावार्थ में अन्वयार्थ (Paraphrase) की प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए।
भावार्थ में कम से कम शब्दां में अधिकाधिक विचार प्रस्तुत किए जा सकते हैं। अवतरण का कोई भाव छूटना नहीं चाहिए। विषय को बढ़ा-चढ़ा कर कहने का तो प्रश्न ही नहीं। भावार्थ को मूल अवतरण का आधा होना चाहिए।
भावार्थ शब्द के निर्देश
भावार्थ के प्रश्न को हल करते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-
- अवतरण को दो या तीन बार अवश्य पढ़ कर विचारों को रेखांकित भी करना चाहिए।
- व्यर्थ विचारों को अलग करना चाहिए।
- रेखांकित शब्द या वाक्यों से सार्थक वाक्य बनाने चाहिए। इसमें अपने शब्दों का प्रयोग भी हो सकता है।
- भावार्थ की भाषा स्पष्ट और सरल होनी चाहिए।
- अवतरण की सभी बातों को स्थान देने का प्रयत्न करना चाहिए।
भावार्थ शब्द के उदाहरण
उसका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। जीवन अभावों से पूर्ण था। इसके विपरीत वह दृढ़ निश्चय एवं आत्मविश्वास से पूर्ण थी। उस समय फ्रांस विभाजन का दंश सहन कर रहा था। वह देश के इस अपमान को शांत होकर न सह सकी। धर्म के विरुद्ध उसने सबसे पहले पुरुषों की पोशाक धारण कर अपने अनुभव का प्रचार करना आरम्भ कर दिया। उन दिनों फ्रांस, अमीरों के दो विरोधी खेमों में विभाजित था। Bhawarth example in hindi.
पैरिस उन दोनों के स्वार्थ का केन्द्र था। फ्रांस का सम्राट लुईस चौदहवां नाम मात्र का राजा था। वह बहुत ही दुर्बल स्वभाव का था। वह हर बात के लिए अपनी माँ तथा पत्नी पर आश्रित था। अनेक व्यक्तियों के सहयोग से ‘जॉन’ नामक यह युवती लुईस’ से मिली। उसने ‘जॉन’ को कोई सहयोग देने से स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया।
भावार्थ – जॉन’ का जन्म मध्य युग के एक साधारण परिवार में हुआ था। ‘जॉन’ एक दृढ़ निश्चय और आत्म विश्वास से पूर्ण थी। उन दिनों फ्रांस अमीरों के दो वर्गों में विभाजित था और पेरिस दोनों वर्गों के स्वार्थ का केन्द्र था। जॉन ने इस अपमान को खत्म कर देश का सम्मान बचाने का निश्चय किया। उसने फ्रांस के दुर्बल तथा भीरू स्वभाव के राजा से मिलकर इस समस्या को हल करने का निश्चय किया।
निम्नलिखित सन्दर्भ का भावार्थ लिखिए।
बगीचे में प्रात:काल का वातावरण बड़ा सुहावना होता है। सूरज की रोशनी में पेड़ों के पत्ते सुनहरे नजर आते हैं। कलियाँ फूल बनकर सारे वातावरण को सुगंधित कर देती हैं। घास पर ओस का एकछत्र राज्य रहता है। पक्षी अपनी नियमित शैली में कलरव करते रहते हैं। पेड़ों की शाखायें फलों से लदी रहती हैं।
मन्द-मन्द पवन बह रही होती है जिससे मानव-मस्तिष्क बिल्कुल निर्मल हो जाता है। ऐसे में कोई भी अपने मानसिक तनाव को अल्प समय के लिये अपने से दूर पाता है और प्रकृति की गोद में प्रतीकात्मक रूप में सो जाता है और बरसों का समय लम्हों में गुजर जाता है।
भावार्थ – बाग-बगीचे हमेशा सौन्दर्य और शान्ति के प्रतीक रहे हैं। प्रात:कालीन बेला में इसकी सुषमा अनुपम होती है। पक्षियों का कलरव, सूरज की सुनहरी उपस्थिति, फूलों की सुगंध मानव मन को तनावमुक्त कर एक नवीन ताजगी देते हैं और मानव का हृदय और मस्तिष्क कुछ समय के लिये भौतिक संसार से अपना सम्बन्ध विच्छेद कर लेता है। समय की गति में क्रान्तिकारी परिवर्तन आ जाता है।