Bryophyta in hindi | Bryophyta meaning in hindi | ब्रायोफाइटा, आर्थिक महत्व, वर्गीकरण

ब्रायोफाइटा नोट्स , ब्रायोफाइटा के दो प्रमुख लक्षण , ब्रायोफाइटा का वर्गीकरण कीजिए. ब्रायोफाइटा के सामान्य लक्षण एवं वर्गीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए , ब्रायोफाइटा का आर्थिक महत्व. Bryophyta in Hindi.

Bryophyta in hindi

ब्रायोफाइटा गैर-संवहनी (Non-Vascular) एवं बीजरहित (Seedless) पादपों का समूह है। ये मुख्यतः नमी युक्त वातावरण में पाए जाते हैं परन्तु इनमें शुष्क स्थानों पर भी जीवित रहने की क्षमता होती है इसीलिए ब्रायोफाइटा को वनस्पति जगत का उभयचर समूह (Amphibians of Plant Kingdom) भी कहा जाता है।

Bryophyta in Hindi इनमें बंजर भूमि तथा चट्टानों पर जीवित रहने की भी क्षमता होती है। इनका आकार थैलसनुमा (Thallus like) होता है जिनमें जड़ों का अभाव होता है, परन्तु तने एवं पत्तियों के समान संरचनाएँ पायी जाती हैं। ब्रायोफाइटा वर्ग का सबसे बड़ा पौधा डॉसोनिया (Dawsonia) एवं जूओप्सिस (Zoopsis) सबसे छोटा पौधा है।

ब्रायोफाइटा का वर्गीकरण (Classification of Bryophyta)

ब्रायोफाइटा को निम्न तीन भागो म बांटा गया है

(1) हिपैटिकोप्सिडा (Hepaticopsida) या लिवरवर्ट (Liverwort) – इसके अन्तर्गत रिक्सिया (Riccia), मार्केन्सिया (Marchantia), पोरेला (Porella) आदि आते हैं।

(2) एन्थोसिरोटोप्सिडा (Anthocerotopsida) या हार्नवर्ट (Hornwort) – इसके अन्तर्गत एन्थो सिरोस (Anthoceros) आता है।

(3) ब्रायोप्सिडा (Bryopsida) या मॉस (Moss) – इसके अन्तर्गत स्फेगनम (Sphagnum), फ्यूनेरिया (Funaria) आदि ब्रायोफाइट्स आते हैं.

ब्रायोफाइटा का आर्थिक महत्व

इस वर्ग के पौधे मृदा अपरदन को रोकने में सहायक होते हैं। जल अवशोषण की विशिष्ट क्षमता के कारण ये बाढ़ पर भी नियंत्रण रखते हैं। कुछ मॉस का प्रयोग रोगाणु रोधक (Antiseptic) के रूप में किया जाता है।

स्फेगनम (Sphagnum) नामक ब्रायोफाइट वनस्पति का प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग प्रथम विश्व युद्ध में रूई (Cotton) के स्थान पर घाव भरने के लिए किया गया था।

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