मैलस का नियम | Malus ka niyam | Law of Malus in hindi

मैलस का नियम

जब किसी ध्रुवक (polariser) से आने वाला पूर्णत: समतल-ध्रुवित प्रकाश किसी विश्लेषक (analyser) पर गिरता है, तो विश्लेषक से निर्गत प्रकाश की तीव्रता, विश्लेषक की ध्रुवण दिशा तथा विश्लेषक पर आपतित प्रकाश के वैद्युत वेक्टर (अर्थात् ध्रुवक की ध्रुवण-दिशा) के बीच कोण की कोज्या (cos) के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है। यह ‘मैलस का नियम’ कहलाता है।

इस नियम के अनुसार, यदि विश्लेषक पर गिरने वाले समतल-ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता l हो, तथा विश्लेषक व ध्रुवक की ध्रुवण दिशाओं के बीच कोण 0 हो, तब विश्लेषक से निर्गत प्रकाश की तीव्रता

I = I0cos2Φ

मैलस का नियम का सूत्र

I = I0cos2Φ

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