वैद्युत द्विध्रुव क्या है, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र, SI मात्रक | Electric Dipole In Hindi

वैद्युत द्विध्रुव क्या है (VAIDYUT DVIDHRUVA KYA HAI), Electric dipole in hindi, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र- वैद्युत द्विध्रुव का SI मात्रक | Electric Dipole In Hindi.

वैद्युत द्विध्रुव क्या है

वैद्युत द्विध्रुव वह निकाय (system) है जिसमें दो बराबर, परन्तु विपरीत प्रकार के बिन्दु-आवेश एक-दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं। किसी एक आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की अल्प दूरी के गुणनफल को ‘वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण‘ (electric dipole moment) p कहते हैं।

माना कि वैद्युत द्विध्रुव के आवेश -q व +q कूलॉम हैं तथा उनके बीच अल्प दूरी 2L मीटर है। तब वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण,

p = q × 2L = 2qL

वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण एक सदिश राशि है जिसकी दिशा द्विध्रुव की अक्ष के अनुदिश ऋण-आवेश से धन-आवेश की ओर होती है।  इसका मात्रक ‘कूलॉम-मीटर’ (C-m) है तथा विमीय सूत्र [LTA] है।

उदाहरण : अनेक अणु जैसे HCI, H2O, HBr, NHT, CH, वैद्युत द्विध्रुव होते हैं। हम यह जानते हैं कि प्रत्येक अणु (molecule) में दो अथवा अधिक परमाणु (atoms) होते हैं। परमाणु में धनावेशित नाभिक तथा ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन होते हैं। कुछ अणुओं में परमाणुओं के नाभिक व उनके इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था इस प्रकार होती है कि अणु के एक सिरे पर धन-आवेश तथा दूसरे पर उतना ही ऋण-आवेश होता है (यद्यपि अणु पर ‘नेट’ आवेश शून्य रहता है)। इस प्रकार के अणु वैद्युत द्विध्रुव होते हैं।

परमाणु (atom) में धन-आवेशों (नाभिक) का केन्द्र तथा ऋण-आवेशों (इलेक्ट्रॉनों) का केन्द्र परस्पर सम्पाती होते हैं। अतः परमाणु वैद्युत द्विध्रुव नहीं होता। परन्तु यदि परमाणु को वैद्युत क्षेत्र में रख दें, तो धन व ऋण केन्द्र एक-दूसरे के सापेक्ष हट जाते हैं तथा परमाणु वैद्युत द्विध्रुव बन जाता है।


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