चारगैफ का नियम Chargaff’s Rule in Hindi

आज हम आपको चारगैफ का नियम क्या है हिंदी में बताने जा रहे हैं. यदि आप बायोलॉजी के छात्र हैं तो आपको चारगैफ नियम पता होना चाहिए. तो चलिए अब अपने विषय के तरफ आगे बढ़ते हैं.

चारगैफ का नियम क्या है Chargaff’s Rule in Hindi

विभिन्न प्रकार के जीवों के अनेक DNA अणुओं का अध्ययन करने के बाद, सन् 1950 में एर्विन चारगैफ (Erwin Chargaff) ने लेवीन के मत को नकारते हुए बताया कि-

चारगैफ का प्रथम नियम

सब DNA अणुओं में ऐडीनीन (adenine–प्यूरिन) समाक्षार के अणुओं की संख्या थाइमीन (thymine- पिरिमिडीन) के अणुओं की संख्या के बराबर तथा ग्वानीन (guanine–प्यूरिन) के अणुओं की संख्या साइटोसीन (cytosine पिरिमिडीन) के अणुओं की संख्या के बराबर होती है. दूसरे शब्दों में A=T,G=C,A+G=T+C तथा प्यूरीन्स = पिरिमिडीन्स.

चारगैफ का द्वितीय नियम

विभिन्न जीव-जातियों (species) के DNA में ऐडीनीन + थाइमीन तथा ग्वानीन + साइटोसीन का अनुपात (A + T : G+ C) भिन्न-भिन्न होता है, परन्तु एक ही जीव-जाति के सारे सदस्यों में यह समान होता है। अतः यह अनुपात जातीय लक्षण होता है.

सजीव क्या है

तृतीय नियम

एक ही जीव-जाति के सदस्यों में उपस्थित DNA के कुल अणुओं में समाक्षारों की संख्या समान होती है.
DNA में समाक्षारों के उपरोक्त गुणात्मक और संख्यात्मक सम्बन्धों को सम्मिलित रूप से “चारगैफ का नियम (Chargaff’s rule)” कहते हैं. इनसे DNA अणुओं की वास्तविक संरचना एवं गुणों का प्रथम आभास मिला. इनसे यह निष्कर्ष निकला कि DNA का प्रत्येक अणु एक नहीं, वरन् अगल-बगल जुड़ी दो पोलीन्यूक्लिओटाइड शृंखलाओं का बना अर्थात् डीएनए द्वैध (DNA duplex) होता है.

दोनों शृंखलाओं को परस्पर जोड़ने का काम समाक्षार अणु करते हैं. एक शृंखला का ऐडीनीन समाक्षार दूसरी के थाइमीन समाक्षार से तथा ग्वानीन समाक्षार साइटोसीन झार से जुड़ता है. उदाहरणार्थ, एक शृंखला पर का समाक्षार अनुक्रम (base sequence) AGCTTAAGT दूसरी श्रृंखला पर के TCGAATTCA अनुक्रम से जुड़ा होगा. इस प्रकार, दोनों शृंखलाएँ एक-दूसरे की पूरक (complementary to each other) होती हैं.

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