परासरण किसे कहते हैं, परासरण कितने प्रकार का होता है | Parasaran kya hai

परासरण कितने प्रकार के होते हैं, परासरण किसे कहते हैं. परासरण दाब क्या है परिभाषा. अंतः परासरण क्या है. परासरण नियमन क्या है,परासरण का चित्र, परासरण के उदाहरण सभी सवालों के जवाब आपको यहाँ मिलेंगे तो पूरी जानकारी के लिए अंत तक पढ़े. 

परासरण किसे कहते हैं | Parasaran kya hai

विलायक के अणुओं का अर्द्धपरासरण झिल्ली से होकर शुद्ध विलायक से विलयन की ओर या तनु विलयन से सान्द्र विलयन की ओर स्वत: प्रवाह को परासरण कहते हैं. यह एक भौतिक क्रिया है जिसमें घोल के अणु बिना किसी बाह्य उर्जा के प्रयोग के अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर गति करते हैं।

परासरण कितने प्रकार के होते हैं

परासरण दो प्रकार के होते हैं

  1. अंतः परासरण
  2. बाह्य परासरण

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अंतः परासरण किसे कहते हैं

जब किसी किशमिश को पानी में डुबाया जाता है तो जल के अणु बाहर से किशमिश के अन्दर जाने लगते हैं  तो इस घटना को अंतः परासरण कहते हैं.

बाह्य परासरण किसे कहते हैं

जब किसी अंगूर को चीनी के सान्द्र विलयन में डुबाया जात है तो जल के अणु अंगूर से बाहर निकलने लगते हैं जिसके करण अंगूर पिचक जाता है. यह घटना बाह्य परासरण कहलाती है.

परासरण दाब क्या है

अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर विलायक का विलयन में प्रवाह रोकने के लिए जो अतरिक्त दाब आरोपित किया जाता है उसे परासरण दाब कहते हैं. इसे P या π से प्रकट करते हैं.

परासरण दाब P = h . d

परासरण के मुख्य बिंदु

  • परासरण में अणु तनु विलयन से सान्द्र विलयन की ओर गति करते हैं.
  • इस क्रिया में अर्द्धपारगम्य झिल्ली आवश्यक होती है.
  • परासरण में केवल विलायक के अणु ही गति करते हैं.
  • केवल द्रव में प्रसारण की क्रिया होती है.

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