यहाँ आपको विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता से जुड़े सभी सवाल जैसे विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते है इसकी परिभाषा, प्रतिरोधकता किसे कहते हैं. विशिष्ट प्रतिरोध का सूत्र क्या है, प्रतिरोध का मात्रक क्या होता है तथा इसकी विमा इन सभी सवालों के जावाब निचे दिये गए हैं.
विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं
जब किसी चालक में वैद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक के भीतर किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत् की तीव्रता E तथा धारा-घनत्व j के अनुपात को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध‘ अथवा ‘प्रतिरोधकता‘ कहते हैं तथा इसे रो ( ρ ) से प्रदर्शित करते हैं। विशिष्ट प्रतिरोध एक अदिश राशि हैं तथा SI पद्धति में इसका मात्रक ओम-मीटर होता है. इस प्रकार
ρ = E / j.
विशिष्ट प्रतिरोध चालक के ‘पदार्थ‘ का लाक्षणिक गुण है।
विशिष्ट प्रतिरोध का सूत्र
माना किसी चालक-तार की लम्बाई । तथा अनुप्रस्थ-परिच्छेद का क्षेत्रफल A है। माना कि इसके सिरों के बीच विभवान्तर V लगाने पर इसमें स्थायी धारा i बहती है। माना कि तार के सभी बिन्दुओं पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E तथा धारा-घनत्व j नियत हैं। अत: तार के भीतर किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E = V / l
तथा धारा घनत्व j = i / A
अत: तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध
परन्तु V / i, चालक का प्रतिरोध R है | अतः ρ = R × A / l
विशिष्ट प्रतिरोध का विमीय सूत्र [ML3T-3A-2] होता है.
SI पद्धति में विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक ओम-मीटर होता है.
MKS पद्धति में विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक किग्रा-मीटर3-सेकण्ड-3-ऐम्पियर-2 होता है।
विशिष्ट प्रतिरोध के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- किसी पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उस पदार्थ के 1 मीटर लम्बे तथा 1 मीटर अनुप्रस्थ-परिच्छेद के क्षेत्रफल वाले तार के प्रतिरोध के बराबर होता है तथा ओम-मीटर में व्यक्त किया जाता है।
- किसी तार का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के अनुक्रमानुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ-परिच्छेद के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।