उत्तोलक क्या है,उत्तोलक कितने प्रकार के होते हैं, उत्तोलक के बिंदु, प्रथम श्रेणी के उत्तोलक, द्वितीया श्रेणी के उत्तोलक, तृतीय श्रेणी के उत्तोलक सब कुछ जाने.
उत्तोलक की परिभाषा
उत्तोलक सरल मशीन का एक उदाहरण है। एक ऐसी सीधी अथवा टेढ़ी छड़, जो किसी भी निश्चित बिंदु के परितः स्वतंत्रतापूर्वक घूर्णन के लिये स्वतंत्र हो, उसे ‘उत्तोलक‘ कहते हैं, उदाहरण- चिमटा, सरौता,कैंची इत्यादि.
उत्तोलक में तीन बिंदु होते हैं-
- आलंब (Fulcrum)
- आयास (Effort)
- भार (Load)
आलंब (Fulcrum)
वह बिंदु जिसके चारों ओर उत्तोलक की छड़ स्वतंत्रतापूर्वक घूर्णन कर सकती है। उसे ‘आलंब‘ कहते हैं।
आयास (Effort)
उत्तोलक का उपयोग करने के लिये जो बल लगाया जाता है, उसे ‘आयास‘ कहते हैं।
भार (Load)
उत्तोलक द्वारा जिस वस्तु को उठाया या हटाया जाता है अर्थात् जिस पर कार्य किया जाता है, उसे ‘भार‘ कहते हैं।
उत्तोलक तीन प्रकार के होते हैं:
- प्रथम श्रेणी के उत्तोलक
- द्वितीय श्रेणी के उत्तोलक
- तृतीय श्रेणी के उत्तोलक
प्रथम श्रेणी के उत्तोलक
आलंब, भार और शक्ति (आयास) के बीच में होता हैं जैसे- कैंची, सिंडासी, हिंडोला (Seesaw), झूला, हैंड पंप इत्यादि। यांत्रिक लाभ एक से अधिक या कम हो सकता है।
द्वितीय श्रेणी के उत्तोलक
भार, शक्ति और आलंब के बीच में होता है जैसे- सरौता, एक पहिया वाली ठेला गाड़ी, नीबू निचोड़ने की मशीन इत्यादि। इसका यांत्रिक लाभ सदैव एक से अधिक होता है।
तृतीय श्रेणी के उत्तोलक
शक्ति, आलंब और भार के बीच में होता है। यांत्रिक लाभ सदैव एक से कम होता है। जैसे- स्टेपलर, चिमटा, मनुष्य का हाथ इत्यादि।
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