पिता का पुत्र को पत्र, प्रोत्साहन हेतु पिता द्वारा पुत्र को पत्र

आज हम आपको पिता के द्वारा पुत्र को पत्र कैसे लिखा जाता है इसके बारे में बताने जा रहे हैं. पढ़ाई में प्रोत्साहन हेतु पिता द्वारा पुत्र को पत्र. प्रोत्साहन हेतु पिता द्वारा पुत्र को पत्र : ‘सफलता का प्रोत्साहन’. पिता का पुत्र को पत्र. (Pita ka putra ko patra.)

पिता का पुत्र को पत्र

7 एस. एफ. एस. हौज खास
अपार्टमेंट्स
नई दिल्ली 110016

प्रिय अनुराग,

प्रसन्न रहो।

              कल तुम्हारी ‘कहानी प्रतियोगिता’ का परिणाम घोषित हुआ। नवभारत टाइम्स में तुम्हारा नाम प्रथम पुरस्कार के लिए देखकर परिवार के सभी सदस्यों को अपार हर्ष हुआ। आज तुमने अपना नाम सार्थक कर दिखाया। मैं बचपन की जिस इच्छा को पूर्ण नहीं कर सका था, आज तुमने पूर्ण कर दिखाई है।

कोई भी कहानी, कहानीकार के ज्ञान की कसौटी है। कहानी लिखना अभ्यास से आता है। तुमने भी इस प्रतियोगिता में सफलता पाने के लिए पर्याप्त अभ्यास किया है। ऐसा प्रतियोगिता के परिणाम से लगता है। यह अभ्यास तुम्हारे जीवन में पग-पग पर काम आयेगा। इस अभ्यास का संबल पाकर तुम जीवन में निरन्तर अभ्यास करते जाओगे, ऐसा मुझे विश्वास है।

तुम्हारी इस सफलता ने ‘कामना’ के बाल हृदय को असीमित उत्साह से भर दिया है। वह भी विद्यालय में होने वाली प्रतियोगिता की तैयारी में लग गई है। माताजी ने तुम्हें उपहार में देने के लिए एक सुन्दर सा पार्कर पैन भी रख लिया है जो यहाँ आने पर मिलेगा। किसी भी आवश्यक के लिए निस्संकोच लिखना।

तुम्हारा स्नेही पिता
मुकुल



हिन्दी पत्र लेखन, पत्र लेखन के प्रकार

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