वाच्य, (Vachya class 10 ), वाच्य के भेद | Vachya in hindi

वाच्य

वाच्य – क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञान हो कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है, कर्म अथवा भाव, उसे वाच्य कहते हैं।” जैसे -सोनिया भाषण दे रही है। इस परिभाषा के अनुसार वाक्य में क्रिया के लिंग, वचन या तो कर्ता के अनुसार होंगे, कर्म के अनुसार अथवा भाव के अनुसार।

वाच्य के भेद

उपर्युक्त प्रयोगों के आधार पर वाच्य के तीन भेद हैं-

  1. कर्तृवाच्
  2. कर्मवाच्य
  3. भाववाच्य

कर्तृवाच्य

कर्तृवाच्य – “क्रिया के उस रूपांतर को कर्तृवाच्य कहते हैं जिसमें वाक्य के कर्ता की प्रधानता होने का ज्ञान हो।’ जैसे -नेता ने भाषण दिया। श्याम ने आम तोड़ा।

कर्मवाच्य

कर्मवाच्य – “क्रिया के उस परिवर्तन को कर्म वाच्य कहते हैं जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का ज्ञान हो।” जैसे-पुस्तक पढ़ी जाती है। भाषण दिया जाता है। बात सुनी जाती है। यहाँ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार परिवर्तित न होकर कर्म के अनुसार परिवर्तित हुई है।

( karm vachya examples in hindi ) जैसे – मैं पानी पीता हूँ से ‘मुझसे पानी पीया जाता है’, लिखना गलत होगा। निषेध के अर्थ में यह लिखा जा सकता है-‘मुझे गीत नहीं गाया जाता। उसे पत्र पढ़ा नहीं जाता।

भाववाच्य

भाववाच्य -“क्रिया के उस रूपांतर को भाववाच्य कहते हैं जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता हो।” जैसे-राम से चला भी नहीं जाता। राधा से खाया नहीं जाता। माधव से लिखा नहीं जाता। धूप में चला नहीं जाता। मोहन से बोला नहीं जाता।

इन सभी वाक्यों में कर्ता और कर्म के स्थान पर क्रियाओं की ही अधिक प्रधानता है।

विशेष – यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों हो सकती है। किन्तु कर्मवाच्य में केवल सकर्मक तथा भाववाच्य में केवल अकर्मक होती है।

वाच्य परिवर्तन

कर्तृवाच्य – शिकारी शिकार करते हैं।
कर्मवाच्य – शिकारियों द्वारा शिकार किया जाता है।

कर्तृवाच्य – मैंने पत्र लिखा।
कर्मवाच्य – मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।

कर्तृवाच्य – मैंने पुस्तक पढ़ी।
कर्मवाच्य – मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गयी।

कर्तृवाच्य –डाकू लोगों को मार डालेंगे।
कर्मवाच्य –लोग डाकुओं द्वारा मार डाले जायेंगे।

वाच्य परिवर्तन के नियम

(i)  पहले कर्तृवाच्य की क्रिया को भूतकाल में बदलें।
(ii) क्रिया के बदले रूप के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार रूप को जोड़कर क्रिया को संयुक्त क्रिया का रूप दें।
(iii) कर्तृवाच्य की विभक्ति के स्थान पर ‘से‘ या ‘द्वारा‘ आदि जोड़ें।
(iv) कर्म की विभक्ति को हटा दें।

कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन

(i) कर्ता के आगे ‘से’ लगाएँ।

(ii) मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल की क्रिया के एकवचन में बदलकर उसके साथ ‘जाना‘ धातु के एकवचन, पुल्लिग, अन्य पुरुष का काल कर्तृवाच्य की क्रिया के अनुसार लगाएँ। उदाहरण-

कर्तृवाच्य भाववाच्य
मैं नहीं पढ़ता। मुझसे नहीं पढ़ा जाता।
शेर दौड़ता है। शेर से दौड़ा जाता है।
लोग कहते हैं। लोगों से कहा जाता है।
मोहन नहाया। मोहन से नहाया गया।
 राधा अब नहीं लिख सकती।  राधा से अब नहीं लिखा जाता।
आज हमने आपको वाच्य के बारे में बताया तथा वाच्य के भेद कितने होते हैं इनकी जानकारी दी. अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छा लगे तो इसे share करे. आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमसे केंट में पूछ सकते हैं.

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