घूर्णन गति किसे कहते हैं | दोलन गति | प्रक्षेप्य गति

घूर्णन त्रिज्या किसे कहते हैं, घूर्णन किसे कहते हैं. घूर्णन गति किसे कहते हैं in english. घूर्णन गति करने वाले वस्तुओं के नाम, घूर्णन गति के १० उदाहरण बताइए.

घूर्णन गति किसे कहते हैं

जब कोई पिण्ड, अपने अक्ष (Axis) के चारों ओर गति करता है तो यह उस पिण्ड की घूर्णन गति कहलाती है। घूर्णन एवं वृत्तीय गति में लगभग एक जैसी गति प्रतीत होती है परन्तु दोनों में मुख्य अन्तर यह है कि, वृत्तीय गति में पिण्ड का अक्ष (केन्द्र) पिण्ड से पृथक स्थित होता है, जबकि घूर्णन गति में पिण्ड का अक्ष पिण्ड के अन्दर स्थित होता है।

घूर्णन गति किसे कहते हैं

वाहनों के पहियों तथा स्टियरिंग व्हील की गति, पृथ्वी का घूर्णन, हेलीकॉप्टर के ऊपर लगे पंखे की गति, लटू की गति आदि घूर्णन गति के प्रमुख उदाहरण हैं.

दोलन अथवा कम्पन गति

जब कोई पिण्ड अपनी माध्य स्थिति (Mean Position) के आगे-पीछे (To and Fro) अथवा ऊपर-नीचे (UP-down) गति करता है तो, इसे उस पिण्ड की दोलन अथवा कम्पन गति कहा जाता है।
उदाहरण :- घड़ी के पेण्डुलम की गति, एक सिरे पर स्थिर तथा दूसरे सिरे को खींच कर छोड़े गए स्प्रिंग की गति, सितार बजाते समय उसके तारों द्वारा की गई गति (कम्पन), झूले की गति आदि।

प्रक्षेप्य गति

प्रक्षेप्य : पृथ्वी से आकाश की ओर प्रक्षेपित की गई (फेंकी गई) ऐसी वस्तु, जिस पर प्रमुख रूप से गुरुत्व बल (Gravity Force) ही कार्यरत हो, प्रक्षेप्य कहलाती है। यद्यपि प्रक्षेप्य पर अन्य बल भी कार्यरत हो सकते हैं परन्तु गुरुत्व की तुलना में उनका प्रभाव नगण्य होता है।

प्रक्षेप्य गति : जब किसी पिण्ड को आकाश में तिर्यक रूप से अर्थात् पृथ्वी की सतह के समीप फेंका जाता है तो यह पिण्ड पृथ्वी के गुरुत्व के प्रभाव में एक वक्रीय के पथ (Curved Path) में गति करता है। प्रक्षेप्य द्वारा अनुसरण किया गया पथ प्रक्षेप्य वक्र (Trajectory) तथा उसकी गति प्रक्षेप्य गति कहलाती है।

प्रक्षेप्य गति में प्रक्षेप्य द्वारा एक साथ तथा स्वतंत्र रूप से दो सरल रेखीय गतियाँ की जाती हैं-

(i) x- अक्ष पर : प्रक्षेप्य, x- अक्ष पर एक समान वेग से क्षैतिज गति करते हुए आगे की ओर आगे की ओर बढ़ता है।

(ii) Y- अक्ष पर : प्रक्षेप्य, Y- अक्ष पर एक समान त्वरण से ऊर्ध्वाधर गति करते हुए नीचे की ओर आता है.

प्रक्षेप्य गति किसे कहते हैं

प्रक्षेप्य बिन्दु क्या होता है

वह बिन्दु, जहाँ से प्रक्षेप्य (फेंकी गई वस्तु) की गति प्रारम्भ होती है, उसका प्रक्षेप्य बिन्दु कहलाता है। संलग्न आरेख में इसे 0 (ओ) से दर्शाया गया है।

उड्डयन काल किसे कहते हैं

प्रक्षेप्य द्वारा प्रक्षेप्य बिन्दु से महत्तम ऊँचाई (H) तक पहुँचने तथा वहाँ से पुनः पृथ्वी तक पहुँचने में लगा कुल समय प्रक्षेप्य का उड्डयन काल कहलाता है। इसकी गणना t =  \frac{2u sin\theta }{g} लिखित सूत्र से की जाती है-

प्रक्षेप्य गति के दौरान प्रक्षेप्य द्वारा अर्जित की गई अधिकतम ऊँचाई प्रक्षेप्य की महत्तम ऊँचाई कहलाती है। वह बिन्दु, जिस पर प्रक्षेप्य अपनी महत्तम ऊँचाई प्राप्त करता है उसे प्रक्षेप्य पथ पर A से दर्शाया जाता है। प्रक्षेप्य की महत्तम ऊँचाई को मीटर में व्यक्त किया जाता है। इसकी गणना लिखित सूत्र से की जाती है.

Hmax  \frac{u^{2}sin^{2}\theta}{2g}

क्षैतिज परास अथवा परास किसे कहते हैं

प्रक्षेप्य द्वारा प्रक्षेप्य गति के दौरान अपने प्रारम्भिक बिन्दु से अंतिम बिन्दु तक तय की गई कुल क्षैतिज दूरी (Total Horizontal Distance) उसकी क्षैतिज परास अथवा परास कहलाती है। इसे R से व्यक्त किया जाता है।

यदि किसी पिण्ड को पृथ्वी के तल से 45° के प्रक्षेप्य कोण (e) पर फेंका जाए तो वह पिण्ड अधिकतम सम्भव परास प्राप्त करेगा.

परास की गणना

R  = \frac{u^{2}sin2\theta }{g}

यदि θ = 45

R = \frac{u^{2}sin90}{g} ,

sin 90 = 1

R  = \frac{u^{2}}{g}


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