जड़त्व का नियम | न्यूटन का गति नियम | गति का प्रथम नियम, द्वितीय नियम, तृतीय नियम

जड़त्व का नियम क्या है, गति का प्रथम नियम, द्वितीय नियम और तृतीय नियम, न्यूटन का गति नियम ( Newton’s law of motion in hindi).

जड़त्व का नियम अथवा गति का प्रथम नियम

जड़त्व का नियम – न्यूटन के प्रथम गति नियम के अनुसार, सभी वस्तुएँ अपनी यथास्थिति को बनाये रखने का प्रयास करती हैं अर्थात् अपनी स्थिति में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करती हैं। इसका अर्थ है- जब तक वस्तुओं पर पर्याप्त बल न लगाया जाए तब तक गतिमान वस्तु गति की अवस्था में तथा स्थिर वस्तु विराम की अवस्था में बनी रहती है। इस प्रकार, वस्तुएँ अपनी स्थिति को लेकर जड़ता प्रदर्शित करती हैं। इसलिए न्यूटन के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहते हैं।

दैनिक जीवन में जड़त्व का नियम के उदाहरण

1. बस के अचानक चलने पर उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर गिरने लगता है।

कारण: बस के अचानक चलने पर यात्री के शरीर का निचला भाग बस के सम्पर्क में होने के कारण तुरन्त गति में आ जाता है, जबकि उसके शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण स्थिर रहने का प्रयास करता है। इस प्रकार, शरीर का ऊपरी भाग निचले भाग से पीछे रह जाता है और यात्री पीछे की ओर गिर जाता है।

2. पेड़ की शाखा को हिलाने पर उससे फल टूटकर नीचे गिर जाते हैं।

कारण: पेड़ की शाखा को हिलाने पर शाखा गतिमान हो जाती है जबकि फल जड़त्व के कारण अपने स्थान पर स्थिर रहने का प्रयास करते हैं परिणामस्वरूप वे शाखा से अलग होकर गिर जाते हैं। न्यूटन का द्वितीय गति नियम (Newton’s Second Law of Motion) न्यूटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार, किसी पिण्ड के संवेग परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के समानुपाती होती है तथा इस दर की दिशा पिण्ड पर आरोपित बल के अनुदिश होती है।

एक विमीय, द्वि-विमीय, त्रि-विमीय गति 

न्यूटन गति का द्वितीय नियम

गति का द्वितीय नियम – न्यूटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार, किसी पिण्ड के संवेग परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के समानुपाती होती है तथा इस दर की दिशा पिण्ड पर आरोपित बल के अनुदिश होती है।

गति के द्वितीय नियम का उदाहरण

1. गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथों को पीछे की ओर खींच लेता है।

कारण: तेज गति से आती हुई गेंद का संवेग अधिक होता है इसलिए उसे रोकने के लिए संवेग को शून्य तक कम करना होता है। गेंद पकड़ते समय हाथ पीछे की ओर खींचने के कारण खिलाड़ी को संवेग शून्य करने के लिए अधिक समय मिल जाता है और उसे चोट नहीं लगती है।

2. वाहनों में यात्रियों को झटकों से बचाने के लिए शॉक एब्जार्बर लगाये जाते हैं।

कारण: वाहनों में लगे शॉक एब्जार्बर गति के दौरान लगने वाले झटकों से उत्पन्न गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) को अवशोषित करके ऊर्जा के किसी अन्य स्वरूप (सामान्यतः ऊष्मा) में परिवर्तित कर देते हैं और झटकों की तीव्रता को कम कर देते हैं।

न्यूटन गति का तृतीय नियम

गति का तृतीय नियमप्रत्येक क्रिया के बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, अर्थात् एक वस्तु दूसरी वस्तु पर जितना बल आरोपित करती है, दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में (F..) आरोपित करती है। न्यूटन के तीसरे गति-नियम को क्रिया प्रतिक्रिया का नियम (Action Reaction Law) भी कहते हैं।

FAB  =  – FBA

गति के तृतीय नियम का उदाहरण

1. बंदूक से गोली छूटते समय बंदूक पकड़ने वाले व्यक्ति को पीछे की ओर झटका लगता है।

कारण: ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गोली जितने बल से आगे की ओर गतिशील होती है वह उतना ही बल बंदूक पर प्रतिक्रियास्वरूप पीछे की ओर आरोपित करती है जो व्यक्ति को बंदूक के झटके के रूप में अनुभव होता है।

2. चप्पू चलाने पर नाव आगे बढ़ती है।

कारण: नाव चलाते समय जितना बल व्यक्ति द्वारा चप्पू के माध्यम से जल पर लगाया जाता है उतना ही बल जल द्वारा नाव पर विपरीत दिशा में लगाया जाता है और नाव जल में आगे बढ़ती रहती है।

3. रॉकेट एवं वायुयानों की गति।

कारण: वायुयान अथवा रॉकेट इंजन द्वारा पीछे की ओर गैसों का उत्सर्जन करने पर उन गैसों द्वारा भी वायुयान पर आगे की ओर प्रतिक्रिया बल अर्थात् धक्का (Thrust) लगाया जाता है, जिससे वायुयान आगे की ओर गति करता है।

सरल रेखीय गति किसे कहते हैं

आवर्त गति, सरल आवर्त गति किसे कहते हैं

गति किसे कहते हैं, गति के प्रकार

Leave a Comment