प्रकाश किसे कहते हैं
प्रकाश – हमें अंधेरे कमरे में रखी वस्तुएँ दिखाई नहीं देतीं। परन्तु जब कोई मोमबत्ती अथवा बिजली का बल्ब कमरे में जलाते हैं तो वस्तुएँ दिखाई देने लगती हैं। वास्तव में मोमबत्ती की ज्वाला अथवा बल्ब के तन्तु से उत्सर्जित विकिरण वस्तुओं पर गिरता है तथा वस्तुओं से वापस लौटकर हमारी आँख में प्रवेश करता है और हमें वस्तुएँ दिखाई देने लगती हैं। इस विकिरण को जो कि हमारी आँखों को संवेदित करता है ‘प्रकाश‘ कहते हैं।
यह बात महत्त्वपूर्ण है कि यद्यपि प्रकाश हमें वस्तुओं को दिखाता है, परन्तु प्रकाश स्वयं नहीं दीखता। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार विकिरण-ऊर्जा है जो विद्युतचुम्बकीय तरंगों के रूप में चलता है। इसकी तरंगदैर्घ्य 3900 Ā से 7800 Ā (1 A = 10-10 मीटर) तक होती है। निर्वात् में प्रकाश की चाल 3 x 108 मीटर/सेकण्ड होती है, पदार्थिक माध्यमों में इससे कुछ कम होती है।
प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है उदाहरण सहित जानें, क्रांतिक कोण किसे कहते हैं