समविभव पृष्ठ किसे कहते हैं , परिभाषा व इसकी विशेषता

समविभव पृष्ट किसे कहते हैं

किसी वैद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह पृष्ठ जिस पर स्थित सभी बिन्दुओं पर वैद्युत विभव बराबर हों, समविभव पृष्ठ कहलाता है। दूसरे शब्दों में, समविभव पृष्ठ पर किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच वैद्युत विभवान्तर शून्य होता है। अत: किसी आवेश को समविभव पृष्ठ के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ेगा। परन्तु यह तभी सम्भव है जबकि वैद्युत आवेश को वैद्युत क्षेत्र के लम्बवत् ले जाया जाये।

समविभव पृष्ट की विशेषता

समविभव पृष्ठ प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् होता है। वैद्युत क्षेत्र में भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर क्षेत्र की दिशा बल-रेखाओं द्वारा प्रदर्शित की जाती है। अतः समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर बल-रेखाएँ पृष्ठ के लम्बवत् होती हैं।

समविभव पृष्ट किसे कहते हैं

एक बिन्दु-आवेश + q से चलने वाली बल-रेखाएँ खींची गई हैं। बिन्दु-आवेश को केन्द्र मानकर खींचे गये किसी गोलीय पृष्ठ (spherical surface) का प्रत्येक बिन्दु, आवेश से समान दूरी पर होने के कारण समान वैद्युत विभव पर होगा। अत: इस प्रकार का गोलीय पृष्ठ समविभव पृष्ठ होगा। बिन्दु-आवेश से चलने वाली बल-रेखाएँ त्रिज्य (radial) होंगी तथा गोलीय पृष्ठ पर लम्बवत् होंगी।

समविभव पृष्ठ से सम्बंधित सवाल जवाब

क्या दो समविभव पृष्ट एक दुसरे को काट सकतें हैं ?

नहीं काट सकते क्योंकि समविभव पृष्ट वैद्युत क्षेत्र के लम्बवत होता है. यदि दो समविभव पृष्ट एक दुसरे को काटेंगे तो कटान बिंदु पर वैद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी जो असंभव है.

समविभव पृष्ट के प्रत्येक बिंदु पर वैद्युत क्षेत्र की दिशा क्या होती है ?

समविभव पृष्ट के प्रत्येक बिंदु पर वैद्युत क्षेत्र की रेखाएं पृष्ट के लम्बवत होती हैं

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